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Feb 06 2024, 19:01

कौन है हरदा हादसे का जिम्मेदार? पटाखा फैक्टरी ब्लास्ट में अब तक 11 की मौत

#harda_cracker_factory_blast_due_to_negligence_of_administration

मध्य प्रदेश के आदिवासी बहुल जिले हरदा में एक अवैध पटाखा फैक्ट्री में आग लगने से अब तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 200 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं।यह आंकड़ा और भी बढ़ सकता है। इनमें से कई गंभीर रूप से घायल हैं। गंभीर घायलों को इलाज के लिए इंदौर, भोपाल और नर्मदापुरम भेजा गया है। फिलहाल मौके पर रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। 50 से ज्यादा लोग मलबे में दबे हैं। एनडीआरएफ टीम को कुछ शव दबे नजर आए हैं। इन शव को निकालने के लिए मलबा हटाने की तैयारी तेज कर दी गई है।

हरदा की पटाखा फैक्ट्री में हुआ ब्लास्ट इतना भयानक था कि देखते ही देखते करीब 60 घर आग में स्वाहा हो गए। इस हादसे के बाद सवाल उठ रहे हैं कि आखिर इसका जिम्मेदार कौन है। दरअसल लोगों का कहना है कि इसकी शिकायत पहले भी प्रशासन से की गई थी लेकिन, प्रशासन ने कोई सुनवाई नहीं की।

जानकारी के मुताबिक हादरा की इस पटाखा फैक्ट्री में दो साल पहले भी ऐसा ही एक हादसा हुआ था जिसमें 3 बेकसूर मासूमों की जान चली गई थी। इस हादसे के बाद लोगों ने 4-5 बार जिला कलेक्टर से यहां की पटाखा फैक्ट्री के बारे में शिकायत भी की। लेकिन, जिला कलेक्टर ऋषि गर्ग ने कोई सुनवाई नहीं की और इस पूरे मामले को नजरअंदाज कर दिया। अब यहां पर फिर से हादसा हुआ है जिसमें 11 जानें चली गईं और कई जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे हैं। ऐसे में इस हादसे में सीएम मोहन यादव बड़ा एक्शन ले सकते हैं। जिले के कलेक्टर, एसपी को हटाया जा सकता है। इनके अलावा एसडीएम और सीएमएचओ पर भी गाज गिर सकती है।

इधर मध्य प्रदेश में विपक्षी कांग्रेस के बड़े नेता उमंग सिंघार ने हरदा की अवैध पटाखा फैक्ट्री में हुए विस्फोट पर सवाल उठाया है।उन्होंने कहा, पुलिस और प्रशासन की लापरवाही के बिना बारूद का इतना बड़ा जखीरा इकट्ठा नहीं हो सकता। सवाल ये है कि आखिर रहवासी इलाके में बारूद का भंडार कैसे जमा हो गया? पुलिस और प्रशासन को क्या इसकी जानकारी नहीं थी? उन्होंने सवाल उठाया, 'इस अवैध फैक्ट्री को किसकी शह थी, जो प्रशासन ने अनदेखी की? उन्होंने कहा कि मामले की जांच करवाकर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। इस मामले में शामिल सभी चेहरे बेनकाब किए जाएं।

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Feb 06 2024, 17:25

बहुविवाह पर रोक, लिव इन के लिए रजिस्ट्रेशन, जानें उत्तराखंड यूसीसी बिल में क्या-क्या खास

#uttarakhand_uniform_civil_code

उत्तराखंड विधानसभा में आख़िरकार मंगलवार को समान नागरिक संहिता, उत्तराखंड, 2024 विधेयक पेश कर दिया गया। राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को विधानसभा के चार दिवसीय विशेष सत्र के दौरान ये बिल पेश किया।उत्तराखंड विधानसभा में पेश समान नागरिक संहिता, उत्तराखंड, 2024 विधेयक सिर्फ़ विवाह, तलाक़, उत्तराधिकार, लिव इन रिलेशनशिप से जुड़ा हुआ है। इस विधेयक में साफ़ लिखा गया है कि ये पूरे उत्तराखंड में रहने वाले और उसके बाहर के निवासियों पर लागू होगा चाहे उसकी जाति या धर्म कोई भी हो। इसके साथ ही जो लोग राज्य में केंद्र या राज्य सरकार के कर्मचारी हैं उन पर भी ये लागू होगा. राज्य में राज्य या केंद्र सरकार की योजना का लाभ लेने वालों पर भी ये क़ानून लागू होगा। इसके साथ ही ये भी साफ़ कर दिया गया है कि इस विधेयक से अनुसूचित जनजातियों से जुड़े लोग बाहर रहेंगे।

उत्तराखंड के यूसीसी के मुताबिक़- विवाह पुरुष और महिला के बीच ही हो सकता है।शादी और तलाक़ को लेकर इस विधेयक में विस्तार से बात की गई है।

• विवाह के समय वर की कोई जीवित पत्नी न हो और न वधू का कोई जीवित पति हो।

• विवाह के समय पुरुष ने 21 वर्ष की आयु और स्त्री ने 18 वर्ष की आयु पूरी कर ली हो।

• अलग-अलग धर्म के लोग अपनी धार्मिक प्रक्रिया से विवाह कर सकते हैं।

• किसी भी धार्मिक विधि से विवाह के बावजूद विवाह का पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा।

• विवाह का पंजीकरण न कराने की स्थिति में ये अवैध घोषित नहीं होगा।

इस विधेयक के मुताबिक़, अगर पति-पत्नी के बीच कोई भी मनमुटाव होता है तो उसके लिए वो कोर्ट का रुख़ कर सकते हैं जिसका समाधान क़ानून के आधार पर होगा। इसके अलावा आपसी सहमति से तलाक़ के मामले में भी कोर्ट का रुख़ करना होगा। इस क़ानून के तहत तलाक़ के लिए भी कई आधार दिए गए हैं।

• जब पति-पत्नी में से किसी ने भी किसी और के साथ मर्ज़ी से शारीरिक संबंध बनाए हों।

• जब किसी ने भी क्रूरता का व्यवहार किया हो।

• विवाह के बाद दोनों पक्ष कम से कम दो साल से अलग रह रहे हों।

• किसी एक पक्ष ने धर्म परिवर्तन कर लिया हो या कोई एक पक्ष मानसिक विकार से पीड़ित हो।

• कोई एक पक्ष यौन रोग से पीड़ित हो या सात साल से किसी एक पक्ष का कोई अत-पता न हो।

• विवाह के एक साल के अंदर तलाक़ के लिए याचिका पर प्रतिबंध होगा लेकिन असाधारण मामलों में ये दायर की जा सकती है।

• किसी व्यक्ति की प्रथा, रुढ़ि, परंपरा से तलाक़ नहीं हो सकेगा।

इस विधेयक में लिव इन रिलेशनशिप में रहने को लेकर कई सारे बदलाव किए गए गए हैं। यूसीसी में लिव इन रिलेशनशिप को स्पष्ट रूप से परिभाषित किया गया है।

• लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वालों के लिए रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी होगा।

• बगैर वेब पोर्टल पर रजिस्‍ट्रेशन कराए कपल साथ में नहीं रह पाएंगे।

• रजिस्ट्रेशन न कराने पर कपल को छह महीने की जेल हो सकती है। साथ ही 25 हजार का जुर्माना भी लगाया जा सकता है।

• 21 साल से कम उम्र वालों को अगर लिव इन में रहने के लिए माता-पिता से सहमति लेनी होगी। रजिस्‍ट्रेशन के बाद रजिस्‍ट्रार भी उनके अभिभावकों को इस बारे में सूचना देंगे।

• लिव इन में रहने वाले युवा रजिस्‍ट्रेशन रसीद को दिखाएंगे तभी उनको किराये पर रहने के लिए घर, हॉस्‍टल या पीजी मिल सकेगा।

• सिर्फ एक व्यस्क पुरुष और वयस्क महिला ही लिव इन में रह सकेंगे।

• वे पहले से विवाहित या किसी अन्य के साथ लिव इन रिलेशनशिप में नहीं होने चाहिए।

• अगर युवा गलत जानकारी देते हैं तो जिले का रजिस्‍ट्रार उनके माता और पिता को भी समन भेजकर बुला सकते हैं।

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Feb 06 2024, 16:15

ब्रिटेन के किंग चार्ल्स III को हुआ कैंसर, शुरू हुआ इलाज, पीएम मोदी ने की जल्द स्वस्थ होने की कामना

#britainkingcharlesiiidiagnosedwithcancer

ब्रिटेन के राजा किंग चार्ल्स III को कैंसर हुआ है। बकिंगघम पैलेस ने इसकी जानकारी दी है। बकिंघम पैलेस (Buckingham palace) ने सोमवार, 5 फरवरी को यह घोषणा करते हुए कहा कि ब्रिटेन (Britain) के 75 वर्षीय राजा चाल्स को कैंसर हो गया है और उन्होंने उसका इलाज शुरू कर दिया है। पैलेस ने कहा, बीमारी के परिणामस्वरूप वह अपने सार्वजनिक कामों में देरी करेंगे। हालांकि ये कौन सा कैंसर है और किस स्टेज पर है फिलहाल इस बात की जानकारी नहीं दी है

बकिंघम पैलेस ने अपने ब्यान में क्या कहा?

बकिंघम पैलेस ने एक बयान में कहा, "प्रोस्टेट बढ़ने पर किंग ने हाल ही में अस्पताल में जांच करवाई। जांच में कैंसर की पहचान की गई है।" महामहिम ने आज नियमित उपचार शुरू किया है, इस दौरान डॉक्टरों ने उन्हें सार्वजनिक गतिविधियों को स्थगित करने की सलाह दी है। लेकिन हमेशा की तरह महामहिम राज्य के व्यावसायिक और आधिकारिक कागजी काम करना जारी रखेंगे। बकिंघम पैलेस ने बयान में आगे कहा गया है कि किंग "अपनी मेडिकल टीम के तुरंत इलाज शुरू करने के लिए आभारी हैं, जो उनकी हालिया अस्पताल प्रक्रिया के कारण संभव हो सका। वह अपने इलाज के बारे में पूरी तरह से सकारात्मक हैं और जल्द से जल्द पूर्ण सार्वजनिक कर्तव्य पर लौटने के लिए उत्सुक हैं।

पीएम ऋषि सुनक ने जाना किंग चार्ल्स का हाल

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने किंग चार्ल्स से मुलाकात कर उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। सुनक ने एक्स पर लिखा, “महामहिम के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है कि वह कुछ ही समय में पूरी ताकत से वापस आ जाएंगे। मुझे पता है कि पूरा देश उनके अच्छे होने की कामना करेगा।

पीएम मोदी ने की जल्द स्वस्थ रहोने की कामना

प्रिंस चार्ल्स के कैंसर होने की खबर सामने आते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ ही दुनिया के तमाम नेताओं ने उनके जल्द ठीक होने की कामना की। पीएम सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर करते हुए कहा कि वो सभी देश वासियों के साथ कामना करते हैं कि प्रिंस चार्ल्स जल्द स्वस्थ हो जाएं।

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Feb 06 2024, 15:07

सऊदी अरब के साथ दोस्‍ती करेंगी हूती व‍िद्रोही, क्या एकजुट हो रहीं इस्लामिक ताकतें?

#yemen_houthi_rebels_ready_to_make_peace_with_saudi_arabia

यमन के बड़े हिस्से पर नियंत्रण रखने वाले हूती विद्रोही सउदी अरब से दोस्ती के लिए तैयार हो गए हैं। यमन के हूती विद्रोहियों ने कहा है कि वह सऊदी अरब के साथ शांति चाहते हैं और इसकी कोशिशों के लिए तैयार हैं। बता दें कि हूती विद्रोही और सऊदी अरब के बीच दुश्मनी रही है।सऊदी अरब यमन के हूती विद्रोहियों को आतंकवादी मानता रहा है।

हूती ग्रुप के उप विदेश मंत्री हुसैन अल-एजी ने सऊदी अरब की यमन पर हमलों के लिए अमेरिका और यूके के साथ नहीं जाने के लिए भी तारीफ की। उन्होंने कहा कि इसके लिए हम सऊदी अरब के प्रति विशेष आभार व्यक्त करते हैं और उनके साथ शांति वार्ता करने के लिए उत्सुक है। अल एजी ने सऊदी के साथ शांति स्थापित ना होने देने के लिए अमेरिका पर भी आरोप लगाए। उन्होंने कहा, अमेरिका किसी समझौते तक पहुंचने के प्रयासों में बाधा डाल रहा है। अमेरिका और उससे जुड़े यमनी समूहों की तरफ से पेश की जा रही चुनौतियों के बावजूद यमन रियाद के साथ शांति के लिए तैयार है। अमेरिका पर सख्त रुख दिखाते हुए हूती नेता ने कहा, अमेरिका और ब्रिटेन ने 12 जनवरी से यमन में 300 से ज्यादा हमले किए हैं। इन हमलों के लिए अमेरिका को भारी कीमत" चुकानी होगी। अमेरिका हम पर हमला कर रहा है और हमारे वह प्रतिशोध से बच नहीं पाएगा। हम अपने देश के खिलाफ आक्रामकता पर कभी भी चुप नहीं रहेंगे। ना ही हमलों से डरकर हम इसका गाजा और फिलिस्तीन के प्रति अपने रुख को बदलेंगे।

हूती कौन हैं?

यमन के अल्पसंख्यक शिया समुदाय को हूती कहा जाता है। ये जैदी शिया समूह से ताल्लुक रखते हैं, जो शियाओं में भी अल्पसंख्यक समूह माना जाता है।इनका उदय 80 के दशक में हुआ। यह यमन के उत्तरी क्षेत्र में शिया मुस्लिमों की लड़ाई लड़ रहा सबसे बड़ा संगठन है। इस संगठन का नाम हूती संगठन सन् 2004 में यमन की तत्कालीन सरकार के खिलाफ विद्रोह करने वाले हुसैन अल हूती के नाम पर रखा गया। 

हूती विद्रोह क्या है? 

बता दें कि 1990 के दशक में यमन में सऊदी अरब के बढ़ते वित्तीय एवं धार्मिक प्रभाव की प्रतिक्रिया के फलस्वरूप हूती आंदोलन प्रारंभ हुआ। हूती उत्तरी यमन में सुन्नी इस्लाम की सलाफी विचारधारा के विस्तार के विरोध में हैं। इसी के फलस्वरूप आज से करीब 20 वर्ष पूर्व 2004 में यमन के उत्तरी भाग में इसने गृहयुद्ध का रूप ले लिया।यह गृहयुद्ध यमन में सत्तानशीं सुन्नी सरकार के खिलाफ था। बहुत से लोग इसे ‘सदाह युद्ध’ कहकर भी पुकारते हैं। इसके बाद सन् 2011 से पूर्व जब यमन में सुन्नी नेता अब्दुल्ला सालेह की सरकार थी, तब बड़े पैमाने पर शियाओं के दमन की घटनाएं हुईं। ऐसे में शियाओं में सुन्नी समुदाय के तानाशाह नेता के खिलाफ गुस्सा भड़क उठा और वे विद्रोह पर उतर आए।

ईरान की मदद से हो रहा शांति समझौता

2015 में सऊदी अरब ने कई खाड़ी देशों से गठबंधन कर यमन में हूती विद्रोहियों के खिलाफ हवाई हमले शुरू किए थे। इनमें सऊदी अरब को संयुक्त अरब अमीरात से भी मदद मिली, लेकिन बाद में वह अलग हो गया। इसके जवाब में हूती विद्रोही भी सऊदी अरब पर मिसाइल और ड्रोन हमले करते रहे हैं। इन हमलों में सऊदी अरब को काफी नुकसान पहुंचाया है। अमेरिका शुरू में हूती विद्रोहियों के खिलाफ सऊदी का साथ दिया था, लेकिन बाइडेन प्रशासन ने अपनी नीति बदल ली और सऊदी को अकेला छोड़ दिया।माना जा रहा है कि हूती विद्रोहियों के साथ बातचीत ईरान के हस्तक्षेप के काऱण हो रही है। कुछ दिनों पहले तक सऊदी अरब और ईरान कट्टर दुश्मन हुआ करते थे। सऊदी अरब दुनियाभर के सुन्नी मुसमलानों के नेता बनने का दावा करता है, वहीं ईरान शिया मुसलमानों का। इसके अलावा कूटनीतिक क्षेत्र में भी दोनों के बीच काफी तनाव था। लेकिन, चीन की मदद से दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध बहाल हो चुके हैं। 

कितनी है हूतियों की ताकत?

यमन की ज़्यादा आबादी हूती विद्रोहियों के नियंत्रण में रहती है। उनका संगठन देश के उत्तरी हिस्से में टैक्स वसूलता है और अपनी मुद्रा भी छापता है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने हूती आंदोलन के विशेषज्ञ, अहमद अल-बाहरी के हवाले से कहा था कि 2010 तक हूती विद्रोहियों के पास 1,00,000 से 1,20,000 तक समर्थक थे। इनमें हथियारबंद लड़ाके और बिना हथियारों वाले समर्थक शामिल थे। संयुक्त राष्ट्र यह भी कहता है कि हूती विद्रोहियों ने बच्चों को भी भर्ती किया था, जिनमें से 1500 की साल 2020 में हुई लड़ाई में मौत हो गई थी और अगले साल कुछ सौ और बच्चे मारे गए थे। हूती लाल सागर के एक बड़ी तटीय इलाक़े पर नियंत्रण रखते हैं। यहीं से वे जहाज़ों को निशाना बना रहे हैं। यूरोपियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ पीस के एक विशेषज्ञ हिशाम अल-ओमेसी कहते हैं कि इन हमलों से उन्हें सऊदी अरब के साथ जारी शांति वार्ता में अपना पलड़ा भारी करने में मदद मिली है। वह कहते हैं, ये दिखाकर कि वे बाब अल-मंदब यानी कि लाल सागर के पतले से समुद्री रास्ते को बंद कर सकते हैं, उन्होंने सऊदी अरब पर रियायतें देने का दबाव बढ़ा दिया है।

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Feb 06 2024, 14:17

मध्य प्रदेश के हरदा की पटाखा फैक्ट्री में धमाका, 6 की मौत, बड़ी संख्या में लोग जख्मी

#madhya-pradesh_harda_big_blast_in_harda_fire_cracker_factory

मध्य प्रदेश के हरदा जिले में भीषण हादसा हुआ है।यहां मगरधा रोड पर स्थित पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट हो गया है।इस हादसे में 6 लोगों की मौत हो गई और 100 के करीब लोग घायल हुए हैं। बताया जा रहा है कि यह फैक्ट्री लंबे समय से अवैध रूप से संचालित हो रही थी। इस फैक्ट्री में लगभग डेढ़ सौ लोग काम कर रहे थे, जो इस घटना में हताहत हुए हैं। इस फैक्ट्री में काम करने वाले कई लोगों के दबे होने की आशंका है। घायलों को इलाज के लिए रेस्क्यू कर बाहर निकाला गया।

सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीम ने राहत व बचाव कार्य शुरू कर दिया है। फायर ब्रिगेड की टीम फैक्ट्री में लगी भीषण आग को बुझाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है, हालांकि अभी तक आग काबू नहीं हो सका है।

मौके पर पहुंचे प्रशासनिक अधिकारियों के मुताबिक, अब तक मौके पर पहुंची बचाव टीम ने 50 से अधिक लोगों का रेस्क्यू किया है। यह सभी लोग जख्मी हालत में हैं। इसलिए इन्हें अस्पताल पहुंचाया गया है।

हरदा में हुई इस घटना का मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने संज्ञान लिया है। उन्होंने इस मामले में आपात बैठक बुला ली। मुख्यमंत्री यादव ने तत्काल घटना का संज्ञान लेते हुए मंत्री प्रद्युम्न सिंह तौमर, उदय प्रताप सिंह, एसीएस अजीत केसरी, डीजी होम गार्ड अरविंद कुमार हेलीकॉप्टर से जाने के निर्देश दिए।

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Feb 06 2024, 13:33

उत्तराखंड विधानसभा में समान नागरिक संहिता विधेयक पेश, जानें बिल में क्या-क्या

#uniform_civil_code_in_uttarakhand

उत्तराखंड विधानसभा में यूसीसी बिल को पेश कर दिया गया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा में आज समान नागरिक संहिता का विधेयक पेश कर दिया। समान नागरिक संहिता उत्तराखंड 2024 विधेयक पेश करने के बाद राज्य विधानसभा में विधायकों ने "वंदे मातरम और जय श्री राम" के नारे लगाए गए। अब यूसीसी पर आज केवल चर्चा होगी। एक दिन के लिए यूसीसी का पारण टल सकता है। कल यूसीसी बिल पास हो सकता है। विधानसभा से पास होने के बाद इसको राज्य में लागू कर दिया जाएगा। उत्तराखंड यूसीसी को लागू करने वाला पहला राज्य बन जाएगा। 

बिल पेश करने से पहले क्‍या बोले सीएम धामी?

आज सुबह ही सीएम धामी ने बिल को पेश किए जाने से पहले कहा कि देवभूमि उत्तराखंड के नागरिकों को एक समान अधिकार देने के उद्देश्य से आज विधानसभा में समान नागरिक संहिता का विधेयक पेश किया जाएगा। यह हम सभी प्रदेशवासियों के लिए गर्व का क्षण है कि हम यूसीसी लागू करने की दिशा में आगे बढ़ने वाले देश के पहले राज्य के रूप में जाने जाएंगे।

करीब ढाई लाख सुझावों के बाद तैयार हुआ ड्राफ्ट

इससे पहले, 2 फरवरी को सीएम पुष्कर सिंह धामी को यूसीसी ड्राफ्ट सौंप दिया गया था। 740 पन्नों के यूसीसी ड्राफ्ट को तैयार करने में दो साल लग गए। 27 मई 2022 को धामी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया था। उत्तराखंड राज्य में लगातार दूसरी बार जीत दर्ज करने का इतिहास रचने के बाद भाजपा ने मार्च 2022 में सरकार गठन के तत्काल बाद मंत्रिमंडल की पहली बैठक में ही यूसीसी का मसौदा तैयार करने के लिए विशेषज्ञ समिति के गठन को मंजूरी दे दी थी। मुख्यमंत्री धामी ने समिति का तीन बार कार्यकाल बढ़ाया। अब समिति ने करीब ढाई लाख सुझावों और 30 बैठकों में रायशुमारी के बाद ड्राफ्ट तैयार हुआ। जिसे 2 फरवरी 2024 को पुष्कर सिंह धामी को सौंप दिया था।

यूसीसी बिल में ये हैं प्रावधान

-तलाक के लिए सभी धर्मों का एक कानून होगा।

-तलाक के बाद भरण पोषण का नियम एक होगा।

-पति-पत्नी दोनों को तलाक के समान आधार उपलब्ध होंगे। तलाक का जो ग्राउंड पति के लिए लागू होगा, वही पत्री के लिए भी लागू होगा। फिलहाल पर्सनल लॉ के तहत पति और पत्नी के पास तलाक के अलग अलग ग्राउंड हैं।

-गोद लेने के लिए सभी धर्मों का एक कानून होगा।मुस्लिम महिलाओं को भी मिलेगा गोद लेने का अधिकार।गोद लेने की प्रक्रिया आसान की जाएगी।

-संपत्ति बटवारे में लड़की का समान हक सभी धर्मों में लागू होगा।

-अन्य धर्म या जाति में विवाह करने पर भी लड़की के अधिकारों का हनन नहीं होगा।

-सभी धर्मों में विवाह की आयु लड़की के लिए 18 वर्ष अनिवार्य होगी।

-शादी का अनिवार्य रजिस्ट्रेशन होगा। बगैर रजिस्ट्रेशन किसी भी सरकारी सुविधा का लाभ नही मिलेगा. ग्राम स्तर पर भी शादी के रजिस्ट्रेशन की सुविधा होगी।

-लिव इन रिलेशनशिप के लिए पंजीकरण जरूरी होगा।

-उत्तराधिकार में लड़कियों को लड़कों के बराबर का हिस्सा मिलेगा। अभी तक पर्सनल लॉ के मुताबिक लड़के का शेयर लड़की से अधिक।

-नौकरीशुदा बेटे की मौत पर पत्री को मिलने वाले मुआवजे में वृद्ध माता-पिता के भरण पोषण की भी जिम्मेदारी। अगर पत्नी पुर्नविवाह करती है तो पति की मौत पर मिलने वाले कंपेंशेसन में माता पिता का भी हिस्सा होगा।

-एक पति पत्नी का नियम सब पर लागू होगा।

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Feb 06 2024, 11:51

पाकिस्तान में आम चुनाव को लेकर अमेरिका चिंतित, कहा- हम करीब से लगातार रख रहे नजर

#america_is_closely_monitoring_pakistans_election_process

पाकिस्तान में आठ फरवरी को आम चुनाव होने हैं। पूरे देश में चुनावी माहौल देखा जा रहा है। राजनीतिक पार्टियां जमकर प्रचार अभियान में लगी हुई हैं। इस दौरान कई जगहों पर हिंसक वारदातें हो चुकी हैं। पाकिस्तान में राजनीतिक कार्यक्रमों को हिंसा का पुराना इतिहास है। ऐसे में अमेरिका पाकिस्तान की चुनावी प्रक्रिया पर करीब से नजर रख रहा है और वह वहां अभिव्यक्ति, एकत्र होने और संघ बनाने की स्वतंत्रता के उल्लंघन को लेकर चिंतित है।

अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता वेदांत पटेल ने प्रेस ब्रीफिंग के दौरान बताया कि 'हम लगातार करीब से पाकिस्तान की चुनावी प्रक्रिया पर नजर रखे हुए हैं। हम चाहते हैं कि इसमें ज्यादा से ज्यादा लोग शामिल हों और अभिव्यक्ति की आजादी, विधायी अधिकारों का सम्मान होना चाहिए। वेदांत पटेल ने कहा 'हम हिंसा की घटनाओं, मीडिया की आजादी पर प्रतिबंध, इंटरनेट की आजादी पर प्रतिबंध के खिलाफ हैं। पाकिस्तान के लोगों को अपने मौलिक अधिकारों का इस्तेमाल कर अपने भविष्य के नेता का चुनाव करने के अधिकार है और इसके लिए स्वतंत्र, निष्पक्ष और बिना किसी डर के चुनाव होने चाहिए।

अमेरिकी समाचार द न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान में राजनेताओं पर हो रही कार्रवाई साफ दिखाई दे रही है और इन्हीं वजहों से पाकिस्तान के चुनाव की विश्वसनीयता सवालों के घेरे में है। पाकिस्तानी सेना का चुनाव में दखल है और पीटीआई के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। 

अमेरिका ने पाकिस्तान यात्रा को लेकर अपने नागरिकों को सख्त चेतावनी जारी की है। अमेरिकी विदेश विभाग ने शनिवार को अमेरिकी नागरिकों को 8 फरवरी को पाकिस्तान में होने वाले आगामी आम चुनावों के दौरान सतर्कता बरतने की चेतावनी दी है। अपने यात्रा परामर्श में अमेरिका ने पाकिस्तान में चुनाव के दिन तक होने वाले मार्च, रैलियों और भाषणों जैसी राजनीतिक गतिविधियों से जुड़े संभावित व्यवधानों और सुरक्षा चिंताओं का जिक्र किया है। अमेरिकी विदेश विभाग ने ट्रैवल एडवाइजरी में चुनाव से पहले, उसके दौरान और उसके तुरंत बाद की अवधि में इंटरनेट और सेलुलर सेवाओं (मोबाइल कम्यूनिकेशन) में व्यवधान की भी आशंका जताई है। विदेश विभाग ने अमेरिकी नागरिकों को सुरक्षा के लिए सलाह भी दिया है, जिनमें बड़े सार्वजनिक समारोहों वाले क्षेत्रों से बचना, प्रदर्शन वाली जगहों के पास सावधानी बरतना, व्यक्तिगत सुरक्षा योजनाओं की समीक्षा करना, अपडेट के लिए स्थानीय मीडिया कवरेज पर नजर बनाए रखना, खुद को लो प्रोफाइल बनाए रखना, पहचान पत्र रखना और स्थानीय अधिकारियों के साथ सहयोग करना शामिल है।

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Feb 06 2024, 10:43

दिल्ली में आप के खिलाफ ईडी की बड़ी कार्रवाई, केजरीवाल के निजी सचिव और सांसद एनडी गुप्ता के यहां रेड

#ed_raid_on_aap_leaders_locations_mp_nd_gupta_cm_kejriwal_ps

आम आदमी पार्टी की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही हैं। मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने बड़ी कार्रवाई की है। ईडी ने मुख्यमंत्री केजरीवाल के निजी सचिव बिभव कुमार के यहां छापा मारा है। ईडी ने 10 ठिकानों पर रेड मारी है।सूत्रों के मुताबिक आप के राज्यसभा सांसद एनडी गुप्ता के घर भी ईडी की छापेमारी चल रही है।इसके अलावा, दिल्ली जल बोर्ड के पूर्व मेंबर शलभ के यहां भी छापेमारी की जा रही है।

ईडी की टीम मनी लॉड्रिंग के मामले में ये छापेमारी कर रही है। आम आदमी पार्टी के सांसद एनडी गुप्ता, केजरीवाल के निजी सचिव बिभव कुमार के अलावा दिल्ली जल बोर्ड के पूर्व सदस्य शलभ कुमार के घर पर ईडी की टीम पहुंची है। उनके घर की तलाशी ली जा रही है।

दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी की प्रेस कॉन्फ्रेंस से ठीक पहले ये छापेमारी हुई। आतिशी ईडी को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाली थी।आम आदमी पार्टी दिल्ली ने सोमवार को सोशल मीडिया हैंडल एक्स के जरिए कहा था कि आतिशी मंगलवार यानी 6 फरवरी को सुबह 10 बजे ईडी को लेकर कुछ खुलासे करेंगी। आतिशी आज प्रेस वार्ता शुरू करतीं उससे पहले ईडी ने आप के कई नेताओं के घर पर रेड शुरू कर दी।

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Feb 06 2024, 10:25

प्रणब मुखर्जी की बेटी की कांग्रेस को बड़ी नसीहत, बोलीं-पार्टी की बेहतरी के लिए गांधी परिवार से बाहर देखने की जरूरत

#sharmistha_mukherjee_said_congress_should_think_about_who_should_be_the_face_of_the_party

देश की सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस अपने सबसे खराब दौर से गुजर रही है। देश के 28 राज्यों और विधानसभा वाले 2 केंद्रशासित प्रदेशों को मिलाकर अब 16 ऐसे राज्य हैं जहां या तो बीजेपी या फिर उसके गठबंधन एनडीए की सरकार है और 12 राज्यों में बीजेपी के मुख्यमंत्री। हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनाव के नतीजों से पहले 7 राज्य ऐसे थे जहां कांग्रेस की सरकार थी या फिर पार्टी वहां सत्ता में भागीदार थी। लेकिन अब यह संख्या घटकर 6 रह गई है। पार्टी की इस हालात पर पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कांग्रेस को बड़ी नसीहत दी है।शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा कि पिछले दो लोकसभा चुनावों में राहुल गांधी बुरी तरह हारे। दोनों चुनावों में वो पार्टी की चेहरा थे। अगर कोई पार्टी किसी खास नेता के नेतृत्व में लगातार हार रही है तो पार्टी को इस बारे में सोचने की दरकार है।कांग्रेस को सोचना चाहिए कि पार्टी का चेहरा कौन होना चाहिए।

सोमवार को 17वें जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल से इतर पत्रकारों से बातचीत में शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा कि कांग्रेस देश में अब भी मुख्य विपक्षी दल है। इसका स्थान निर्विवाद है, लेकिन यह प्रश्न है कि इसे मजबूत कैसे किया जाए? इस पर विचार करना पार्टी नेताओं का काम है। उन्होंने कहा कि पार्टी में लोकतंत्र की बहाली, सदस्यता अभियान, पार्टी के भीतर संगठनात्मक चुनाव और नीतिगत निर्णयों की प्रक्रिया में हर स्तर पर जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं को शामिल करने की जरूरत है, जैसा कि पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने भी अपनी डायरी में लिखा है। इसके अलावा कोई जादू की छड़ी नहीं है।

शर्मिष्ठा मुखर्जी ने आगे अपने पिता का जिक्र करते हुए कहा कि आज मेरे पिता होते तो कांग्रेस के मौजूदा हालत से काफी परेशान होते। उन्होंने कांग्रेस की मौजूदा हालातों को लेकर चिंता जताई। पार्टी में जो इस समय हालत है, उसे देखकर मुझे परेशानी होती है। 

वहीं, उन्होंने बीजेपी में जाने की अफवाह को खारिज कर दिया। शर्मिष्ठा ने कहा कि मेरा किसी भी राजनीतिक पार्टी का हिस्सा बनने का कोई इरादा नहीं है। मैं हार्ड कोर कांग्रेसी हूं। मैं कहीं नहीं जा रही। उन्होंने कहा कि मैं पार्टी को लेकर चिंतित हूं। अब पार्टी नेतृत्व के लिए नेहरू-गांधी परिवार से बाहर देखने की जरूरत है।पूर्व राष्ट्रपति की बेटी ने आगे कहा कि लोकतंत्र में अलग-अलग विचारधाराएं होती हैं, आप उनकी विचारधारा से सहमत नहीं हो सकते हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि उस विचारधारा का अस्तित्व गलत है। इसलिए बातचीत होना जरूरी है।

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Feb 05 2024, 20:23

कौन हैं स्पेस में सबसे ज्यादा दिन बिताने वाले रूसी एस्ट्रोनॉट, जानें कितने समय से हैं अंतरिक्ष में

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रूस ने अंतरिक्ष में बड़ा कमाल कर दिखाया है।रूसी कॉस्मोनॉट ओलेग कोनोनेंको ने अंतरिक्ष में सबसे ज्यादा समय तक रहने का विश्व रिकॉर्ड तोड़ा है। उन्होंने 878 से अधिक दिन में स्पेस में रह कर नया रिकॉर्ड अपने नाम किया है।ऐसा करके उन्होंने अपने ही देश के अंतरिक्ष यात्री गेन्नेडी पडल्का का रिकॉर्ड तोड़ दिया। गेन्नेडी ने अंतरिक्ष में 878 दिन बिताए थे। वहीं, ओलेग अभी भी स्पेस में बने हुए हैं।

5 जून तक अंतरिक्ष में रह सकते हैं

बताया जा रहा है कि 59 वर्षीय ओलेग 5 जून तक अंतरिक्ष में बने रह सकते हैं। अगर ऐसा होता है तो स्पेस में रहते हुए उनके 1 हजार दिन पूरे हो जाएंगे। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए दिए इंटरव्यू में ओलेग ने रूसी समाचार एजेंसी TASS को बताया, मुझे अपनी उपलब्धियों पर गर्व है, लेकिन मैं अपना पसंदीदा काम करने के लिए अंतरिक्ष में उड़ान भरता हूं, रिकॉर्ड बनाने के लिए नहीं। ओलेग धरती से करीब 427 किलोमीटर की ऊंचाई पर परिक्रमा कर रहे हैं।

2008 से अब तक पांच बार स्पेस में ट्रैवल किया

कोनोनेंको ने रूसी एजेंसी तास के दिए इंटरव्यू में बताया कि उन्हें बचपन से ही स्पेस में जाने की इच्छा थी। वे अपना पसंदीदा काम करने के लिए अंतरिक्ष में आना पसंद करते हैं। कोनोनेंको ने 2008 से अब तक पांच बार स्पेस में ट्रैवल किया है।

ड्राइवर के बेटे का अंतरिक्ष से लगाव

21 जून, 1964 को तुर्कमेनिस्तान में जन्मे ओलेग को बचपन से अंतरिक्ष को समझने में दिलचस्पी थी। उनके पिता दिमित्री इवानोविच एक कंपनी में बतौर ड्राइवर काम करते थे और मां ताइसिया तुर्कमेनाबात एयरपोर्ट पर कम्युनिकेशन ऑपरेटर थीं। ओलेग ने इसी देश से हाईस्कूल किया। इसके साथ स्थानीय भाषा में सर्वाधिक नम्बर पाने का कीर्तिमान हासिल किया।